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पंकज चैहान
नई दिल्ली। तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच हुए बवाल के बाद दिल्ली की सभी जिला अदालतों में सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर रहने का आह्वान किया गया है। वहीं मंगलवार को तीस हजारी अदालत में होने वाला बार एसोसिएशन का चुनाव भी फिलहाल कुछ दिन के लिए टल सकता है। तीस हजारी बार एसोसिएशन के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली बार काउंसिल ने इस घटना का विरोध करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह ने बताया कि उनके साथी अधिवक्ता की कार और पुलिस जेल वैन में हुई मामूली टक्कर के बाद यह बवाल हुआ। आरोप है कि पुलिस वालों ने अधिवक्ता को पकड़कर लॉकअप में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट की गई।
तीस हजारी सेंट्रल और पश्चिम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अलावा छह अन्य न्यायाधीश भी अधिवक्ता को छुड़ाने के लिए गए, लेकिन पुलिस ने नहीं छोड़ा। न्यायाधीश जब वहां से चले गए तो पुलिस ने फायर कर दिए। इसमें एक अधिवक्ता को गोली लग गई, जोकि लॉकअप के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
वहीं, दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता केसी मित्तल ने घटना का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस ने वकीलों पर हमला किया है। एक वकील गंभीर है और एक युवा वकील को लॉकअप में पीटा गया। इस कृत्य के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को निष्कासित किया जाना चाहिए।
तीस हजारी अदालत में अधिवक्ता परविंदर कौर मल्होत्रा ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने वकीलों के चैंबरों में घुसकर तोडफोड़ की। वकीलों को बाहर निकालकर पीटा गया। यही नहीं इस बीच महिला वकीलों को भी पुलिस कर्मियों ने नहीं छोड़ा और उनके साथ भी हाथापाई की गई।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि दोषी पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पार्किंग जैसे छोटे मसले को लेकर पुलिस ने गैर जिम्मेदाराना और आपराधिक रवैया दिखाया है। काउंसिल की तरफ से एक टीम भेजी गई है और राजधानी की सभी एसोसिएशन से शांति बनाए रखने की अपील की है।